Essay on Beti Hai Anmol in Hindi - बेटियां हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं। पुत्त वडाऊंदे जमीना लेकिन धीयां दुख वडाऊंदियां ने। बेटियां बेटों से ज्यादा संवेदनशील और भावुक होती हैं। बाबुल के आंगन की रौनक होती है बेटियां पता ही नहीं लगता कब बड़ी हो जाती है और ससुराल चली जाती है अक्सर माता- पिता बेटियों को ससुराल भेज कर उनकी गैर-मौजूदगी को बहुत महसूस करते हैं।
लेकिन आज आधुनिक युग में बेटियों को अपने अस्तित्व के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है वैज्ञानिक युग में आश्चर्यजनक काम करता मानव प्रकृति से खिलवाड़ कर रहा है आज-कल भ्रूण हत्या जैसे अपराध आम देखने को मिलते हैं आज का मानव बेटी को अपनाने से डरता है और बेटी को पैदा करने से भी जो समाज के लिए गहरी चिंता का विषय है अनेक कारण है जो के बेतुके और बेकार हैं जैसे दहेज की चिंता, असुरक्षा की कमी तीसरा जोकि अपनी ओर से ही बताया गया है लड़की की शिक्षा का अगर लड़की को ज्यादा शिक्षा दी तो वह घर से बागी हो जाएगी और माता -पिता कि आगे बोलेगी जो कि बिल्कुल गलत है।
दहेज के लिए लालची को यह नहीं पता होता कि जिसको हम घर लेकर जा रहे हैं वह हमारी बेटी ही है पुत्र वधू नहीं है लेकिन अपने लक्ष्य में बहन उत्सव पर इतने जुर्म करते हैं आखिर में मार ही देते हैं ताकि वह माता-पिता को कुछ बता ना सके ना ही उनके खिलाफ आवाज उठा सके हम कहां जा रहे हैं ? आज हर एक मुश्किल का हल मरना और मारना ही रह गया है लड़की को भी अपने अस्तित्व के लिए लड़ना चाहिए प्रत्येक लड़की को शिक्षित होना चाहिए क्योंकि शिक्षा ही किसी इंसान का भविष्य तय करती है।
जिंदगी में आत्मनिर्भर बनो, तभी अपनी वैवाहिक जिंदगी के बारे में सोचो जिंदगी के बारे सोचो ऐसा कोई भी काम ना करो जिससे माता-पिता को शर्मिंदा होना पड़े। अपना जीवनसाथी खुद चुनने से पहले इस बात का ध्यान रखो कि वह आप को प्यार करता हो अपनी जरूरतों को पूरा करने वाला हो। अंत में यही की बेटी का कर्तव्य होता है दोनों घर की इज्जत को बचाना इसलिए सोच विचार शादी का फैसला ले दहेज के लालचियों को कभी भी अपने आसपास ना आने दो बेटी एक खूबसूरत शब्द है और खुद ही बेटियां बहुत अच्छी होती हैं घर वालों को भी थोड़ा उससे समझना चाहिए।
दहेज के लिए लालची को यह नहीं पता होता कि जिसको हम घर लेकर जा रहे हैं वह हमारी बेटी ही है पुत्र वधू नहीं है लेकिन अपने लक्ष्य में बहन उत्सव पर इतने जुर्म करते हैं आखिर में मार ही देते हैं ताकि वह माता-पिता को कुछ बता ना सके ना ही उनके खिलाफ आवाज उठा सके हम कहां जा रहे हैं ? आज हर एक मुश्किल का हल मरना और मारना ही रह गया है लड़की को भी अपने अस्तित्व के लिए लड़ना चाहिए प्रत्येक लड़की को शिक्षित होना चाहिए क्योंकि शिक्षा ही किसी इंसान का भविष्य तय करती है।
जिंदगी में आत्मनिर्भर बनो, तभी अपनी वैवाहिक जिंदगी के बारे में सोचो जिंदगी के बारे सोचो ऐसा कोई भी काम ना करो जिससे माता-पिता को शर्मिंदा होना पड़े। अपना जीवनसाथी खुद चुनने से पहले इस बात का ध्यान रखो कि वह आप को प्यार करता हो अपनी जरूरतों को पूरा करने वाला हो। अंत में यही की बेटी का कर्तव्य होता है दोनों घर की इज्जत को बचाना इसलिए सोच विचार शादी का फैसला ले दहेज के लालचियों को कभी भी अपने आसपास ना आने दो बेटी एक खूबसूरत शब्द है और खुद ही बेटियां बहुत अच्छी होती हैं घर वालों को भी थोड़ा उससे समझना चाहिए।
धीयां मापियां दा मान बनो,
अपने फर्ज के प्रति जिम्मेदार बनो ,
समाज के लिए मिसाल बनो
प्रतिभाशाली और समझदार बनो,
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