Essay on Camel in Hindi ऊंट पर निबंध
ऊंट रेगिस्तान का जानवर है इसे रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है क्योंकि यह रेतीले इलाकों में बड़ी आसानी से दौड़ सकता है इसीलिए रेगिस्तान में दूसरों जानवरों की वजाय ज्यादातर ऊंट पाले जाते हैं।ऊंट से बोझ ढ़ोने का काम लिया जाता है। इनकी आंखों पर 3 पलकें होती हैं जो इन्हें उडती हुई रेत से बचने में सहायता करती है। ऊंट की गर्दन काफी लम्बी होती है और इसके एक बड़ा सा कूबड़ होता है एशियाई ऊंट के दो कूबड़ और अरबियन ऊंट के एक कूबड़ होता है।
यह एक शाकाहारी जानवर है जो सिर्फ घास , फूस और अनाज खाता है यह रेतीले इलाकों में 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से आसानी से दौड़ लेते हैं। ऊंट के दूध में गाय के दूध से भी कम चर्बी होती है।
Essay on Camel - 2
ऊंट एक बड़े आकार का जानवर होता है जिसकी गर्दन के पास एक कूबड़ निकला होता है। यह जानवर ज्यादातर रेगिस्तान में पाया जाता है। क्योंकि यही एक ऐसा जानवर है जो रेगिस्तान के इलाकों में भी खुद को बड़ी आसानी से ढाल लेता है। ऊंट ऐसा जानवर होता है जो कई दिनों तक बिना पानी के जिंदा रह सकता है। ऊंट की गर्दन पर जो कूबड़ होता है उसमें से अपने शरीर की फालतू चर्बी को जमा कर लेता है जिसकी मदद से वह कई दिनों तक बिना भोजन और पानी के जिंदा रह सकता है।ऊंट का जीवन काल तकरीबन 30 साल से लेकर 40 वर्षों तक होता है। रेतीले इलाकों में बिना किसी परेशानी के दौड़ सकते हैं जिस वजह से इस जानवर को रेगिस्तान का जहाज भी पुकारा जाता है। एक आम ऊंट का वजन 450 किलोग्राम से लेकर 600 किलोग्राम तक हो सकता है मादा ऊंट का वजन नर ऊंट से कम होता है। संसार भर में दो तरह के ऊंट पाए जाते हैं एक जिनके कूबड़ नहीं होता दुसरे जिनके कूबड़ निकला होता है।
रेगिस्तान के क्षेत्रों में ऊंट बड़ी आसानी से देखने को मिल जाते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में इनसे बोझ ढोने का काम लिया जाता है। ऊंट को पसीना ना मात्र ही आता है। इस जानवर के पैर गद्देदार होते हैं जिससे यह बड़ी आसानी से रेतीले इलाकों में चल सकते हैं। इनकी गर्दन लंबी होती है पर इनकी पूंछ बहुत छोटी होती है।
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