Deepawali Essay in Hindi 600 Words : दीपावली पर निबंध
भारत अनेक त्योहारों का देश है। यहां विभिन्न -विभिन्न धर्मों से संबंधित त्योहार मनाये जाते हैं। भारत में हर महीने कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है। त्योहार हमारे जीवन में उमंग, जोश और उत्साह भर देते हैं। इसी तरह का भारत का सबसे बड़ा त्योहार है जिसका नाम है दीपावली का पर्व, यह त्योहार पूरे भारतवर्ष में बड़े ही उत्साह और ख़ुशी -ख़ुशी मनाया जाता है। लगभग सभी धर्मों के लोग दीपावली को मिलकर मनाते हैं।
दीपावली शब्द 'दीप' तथा 'अवली' शब्द से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है दीपों की पंक्तियां। दीपावली का शुभ पर्व कार्तिक मॉस की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली के दिन लोग अपने घरों में घी के दिये जलाते हैं। इस पर्व का संबंध भगवान राम से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने अपनी पत्नी सीता को लंका के राजा रावण की कैद से मुक्त कराया था और 14 वर्षों का वनवास काट अपनी नगरी अयोध्या वापिस लौटे थे। जिनके आने की ख़ुशी में अयोध्या नगर के लोगों ने घी के दीये जलाए और पटाखे चलाये थे, उसी दिन से दीपावली का ये पर्व मनाया जाने लगा है जो आज भी बड़ी ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
दीपावली का त्योहार दशहरे के ठीक बीस दिन पश्चात मनाया जाता है क्योंकि भगवान राम माता सीता को रावण की कैद से मुक्त कराने के 20 दिनों के पश्चात अयोध्या वापस लौटे थे इसीलिए दशहरा का संबंध भी दीपावली के साथ ही है। दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस पर्व मनाया जाता है इस दिन लोग नए बर्तन आदि की खरीदारी करते हैं। दिवाली से एक दिन पूर्व नरक चौदस जिस दिन घर के बाहर घी का एक दीया जलाया जाता है इसके अगले दिन ही दीपावली का पर्व आता है। दीवाली के अगले दिन गोवधर्न पूजा की जाती है, इस शुभ दिन पर कृष्ण ने गोवधर्न पर्वत को उठाकर गोकुल के लोगों को इंद्र के प्रकोप से मुक्ति दिलाई थी।
कई दिन पूर्व ही दीपावली की तैयारियां आरंभ हो जाती है। लोग अपने घरों की लिपाई -पुताई शुरू करवा देते हैं और बाज़ारों में रौनक लगनी शुरू हो जाती है दुकानों को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है। इन्ही दिनों दुकानों के बाहर मिठाईयां , दीपक , पटाखे और मोमबत्तियां और अन्य सामान की दुकाने सजी दिखाई देती हैं। दीपावली के शुभ दिन सभी के चेहरों पर ख़ुशी और उत्साह दिखाई देता है। छोटे बच्चे पटाखे चलाते हैं। इस दिन लोग नए वस्त्र पहनते हैं घर में बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और एक दुसरे को दीवाली की शुभकामनाएं भी देते नजर आते हैं।
दिवाली के दिन के समय लोग हनुमान जी की पूजा अर्चना करते हैं क्योंकि हनुमान जी प्रभु राम जी के अयोध्या वापिस लौटने का समाचार सबसे पहले लेकर आये थे। रात्रि होने पर लोग अपने -अपने घरों को घी के दीयों से रौशन कर देते हैं, इसके इलावा मोमबत्तियों का प्रकाश किया जाता है। बच्चे पटाखे चलाते हैं , सभी घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है, पूजा के बाद मिठाईयां और खील -पताशे बांटे जाते हैं। रात को लोग अपने घरों के दरवाजे खुले रखते हैं ऐसा माना जाता है के दीपावली की रात को माता लक्ष्मी सबके द्वार आती है जिससे दरवाजे खुले रखने पर धन की आपार वर्षा होती है।
दीपावली के दिन कुछ लोग जुआ और शराब का सेवन करते हैं जो के इस त्योहार की पवित्रता को भंग करते हैं, जो के बहुत ही बुरी आदत है इससे बचना चाहिए , क्योंकि ये त्योहार हम सभी को सद्भावना, मेल -मिलाप और संपन्नता का संदेश देता है। दिवाली के त्योहार को पवित्रता और उचित तरीके से ही मनाना चाहिए। इस दिन ज्यादा पटाखे नहीं चलाने चाहिए क्योंकि पटाखे चलाने से प्रदूषण पैदा होता है और इन्हें चलाते वक्त दुर्घटना भी घट सकती है इसीलिए इन्हें चलाते समय भी सावधानी रखनी चाहिए।
दिवाली की उमंग, पटाखों व् मिठाईयों के संग ,
Deepawali Essay in Hindi 400 words - दीपावली पर निबंध 400 शब्दों में
दीपावली हिन्दू धर्म का प्रमुख पर्व है दीपावली का यह पर्व पूरे भारत में बड़ी ही धूम -धाम और श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। दीपावली का अर्थ है दीप+अवली दीप का अर्थ है दीपक तथा अवली का अर्थ पंक्ति से है दीपों की पंक्तियां। दीपावली हर वर्ष कार्तिक मॉस की अमावस्या को मनाया जाता है। इस शुभ दिन लोग अपने पूरे घर में दीपक जलाते हैं।दीपावली (Deepawali) के पर्व से जुड़ीं कई कथाएं प्रचलित हैं इन कथाओं में सबसे प्रमुख कथा भगवान राम की है इस दिन रामचंद्र जी ने 14 वर्षों का वनवास काट और माता सीता का अपहरण करने वाले दुष्ट रावण का बध कर अपनी नगरी अयोध्या लौटे थे जिनकी ख़ुशी में लोगों ने अपने घरों में घी के दीये जलाकर ख़ुशी मनाई थी तब से यह त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है। सिख धर्म के अनुसार इस दिन सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद जी ने जहांगीर की कैद में 52 राजाओं को छुड़ाया था।
दीवाली के कई दिन पहले लोग अपने घरों , दुकानों आदि की सफ़ाई करना शुरू कर देते हैं लोग घरों में रंग -रोगन कर उन्हें सजाते हैं बाज़ारों में रौनक बढ़ने लगती है। बाज़ारों में मिठाईयां और पटाखों की दुकानें सजने शुरू हो जाती हैं। हर तरफ ख़ुशी का माहौल छाया रहता है।
दीपावली (Deepawali) की सुबह लोग घरों में कई तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाते हैं जगह –जगह पर पटाखो और आतिशबाजी की दुकानें सजी होती हैं और सुबह से ही लोग अपने मित्रों और रिश्तेदारों के बीच मिठाईयां और उपहार बांटते हैं दीवाली की रात लक्ष्मी की पूजा की जाती है है और रात को आसमान पटाखों और आतिशबाजी की आवाज़ से गूँज उठता है आकाश चारों तरफ जगमगाता हुआ दिखाई देता है। लोग अपने घरों में घी के दिये जलाते हैं चारों तरफ दीपक और दीपमाला से घर जगमगा उठता है।
दीपावली का पर्व पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन कुछ लोग जुआ खेलते हैं और शराब का सेवन करते हैं जिससे इस त्योहार की पवित्रता भंग होती है। हमारा सब का यही कर्तव्य बनता है के हम इस बुराई को दूर करें। जैसे दीपक अंधकार का नाश करता है इसी तरह हमें भी बुरे कामों को दूर करने का संकल्प लेना चाहिए और इस पवित्र त्योहार को ख़ुशी –ख़ुशी मनाना चाहिए।
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