Essay on Sports Day in Hindi खेल दिवस पर निबंध -
खेल दिवस मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि देश के युवाओं में खेल की भावना को उजागर किया जा सके और उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके ताकि वह खेलों में भाग लेकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए देश का नाम चमका सकें इसके साथ ही वह देश का नाम तो ऊंचा करेंगे ही साथ ही राष्ट्रीय गौरव भी बढ़ाएंगे।
मेजर ध्यानचंद एक ऐसे महान हॉकी के प्लेयर थे जिन के जन्मदिन पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की घोषणा की गई उनका जन्म 29 अगस्त 1905 को भारत के इलाहाबाद शहर में हुआ था इस दिन ही हमारे भारत देश को हॉकी का महान प्लेयर भी मिला।
राष्ट्रीय खेल दिवस देशभर में बड़े स्तर पर मनाया जाता है इसका आयोजन हर साल राष्ट्रपति भवन में किया जाता है और देश के राष्ट्रपति खुद देश के उन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार देते हैं जो अपने खेल में सबसे उच्चतम प्रदर्शन कर देश का नाम विश्वभर में ऊंचा उठाने में मदद करते हैं।
राष्ट्रीय खेल दिवस हर वर्ष 29 अगस्त को हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के दिन मनाया जाता है। दुनियाभर में हॉकी के जादूगर के नाम से प्रसिद्ध भारत के महान कालजई हॉकी के प्लयेर मेजर ध्यानचंद सिंह जिन्होंने भारत को ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक दिलवाया उनके प्रति सम्मान प्रगट और श्रद्धाजलि देने के लिए उनके जन्मदिन 29 अगस्त को हर साल भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रुप में मनाया जाता है इसी दिन उत्कृष्ट (सर्वश्रेष्ठ) प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति खेलों में विशेष योगदान देने के लिए राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।
जिसमें राजीव गांधी खेल रत्न ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कारों के अलावा तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार प्रमुख हैं। लगभग सभी भारतीय स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन अपना सालाना खेल समारोह आयोजित करते हैं दुनियाभर में हॉकी के जादूगर के नाम से प्रसिद्ध भारत के महान और कालजई हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यान सिंह आज उन्होंने ना सिर्फ भारत को ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक दिलवाया बल्कि हॉकी को नई ऊंचाई तक लेजाने में बहुत बड़ा योगदान दिया।
ध्यानचंद के जीवन से जुड़ी अहम बातें - Sports day
- क्रिकेट में जो स्थान डॉन ब्रैडमैन, फुटबॉल में पेले और टेनिस में रोड लेवल का है और हॉकी खेल में वही स्थान ध्यानचंद भी का है।
- 21 वर्ष की उम्र में उन्हें न्यूजीलैंड जाने वाली भारतीय टीम में चुन लिया गया इस दौरे में भारतीय सेना की टीम ने 21 में 18 मैच जीत लिए थे।
- 23 वर्ष की उम्र में ध्यानचंद 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक में प्रथम बार हिस्सा ले रही भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे जहां चार मैचों में भारतीय टीम ने 23 गोल किए।
- ध्यानचंद के बारे में मशहूर है कि उन्होंने हॉकी के इतिहास में सबसे ज्यादा गोल किए हैं।
- 1932 में लॉस एंजिलिस ओलंपिक में भारत ने अमेरिका को 24 - 1 के रिकॉर्ड अंतर से हराया इस मैच में ध्यानचंद और उनके बड़े भाई रूप सिंह ने आठ आठ गोल्ड कर टीम का नाम चमकाया था।
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