गंगा पर निबंध : Ganga River Essay in Hindi
गंगा के तट पर अनेक तीर्थ स्थल वसे हुए हैं जैसे काशी ,बनारस , हरिद्वार आदि प्रमुख हैं। बहुत सारे त्यौहारों का गंगा से सीधा सबंध है जैसे मकर संक्रांति और कुंभ का मेला इत्यादि प्राचीन काल से ही गंगा नदी हिन्दुओं की सबसे पवित्र नदी रही है और इस नदी का बाकी सभी नदियों से ज्यादा धार्मिक महत्व भी है।
गंगा सभी स्थान पर एक जैसी नहीं है इसका आकार बदलता रहता है शुरू में यह सिकुड़ी सी है परन्तु मैदानी इलाकों में यह चौड़ी दिखने लगती है। माना जाता है के जो भी इन्सान सच्ची श्रद्धा से गंगा में स्नान करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और बुरे कर्म यहां धुल जाते हैं।
भारत में बहने वाली अनेक छोटी छोटी नदियों के नाम गंगा के नाम पर ही पड़े हैं जैसे किशनगंगा , रामगंगा , दूधगंगा बानगंगा, सोनगंगा इत्यादि। गंगा नदी हिमालय पर्वत के गंगोत्री ग्लेशियर के गोमुख से निकलती है। गंगोत्री हिन्दू लोगों का अपार श्र्द्धास्थल है। जिस भाग में यह नदी गिरती है उस जगह को गंगा सागर कहा जाता है।
हमारी जिन्दगी में गंगोदक का सबंध बहुत गहरा है जब कोई परलोक सुधार रहा होता है तो उसे गंगाजल पिलाया जाता है इसके इलावा हिंदुओं का अतिम संस्कार भी इसी नदी के किनारे करना शुभ माना गया है। गंगा का जल कई वर्षों तक घर में रखने से ख़राब नहीं होता इसीलिए इसे अमुत के समान समझा जाता है और इसके जल को कीड़ा तक नहीं लगता। इन्ही कारणों से इसे रहस्मयी नदी भी समझा जाता है।
इसे देवलोक नदी भी कहा जाता है क्योंकि यह पहले देवलोक में बहती थी। राजा भागीरथ ने कई वर्षों की तपस्या करके इसे पृथ्वी पर लाये थे इसीलिए इस नदी को भागीरथी नदी भी कहा जाता है।
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