Water is Life Essay in Hindi - जल ही जीवन है ऐसा अक्सर हम सुनते आ रहे हैं यही जीवन का सत्य है जल के बिना पृथ्वी का कोई भी प्राणी जीने की कल्पना तक नहीं कर सकता है। धरती का तीन चौथाई से भी अधिक भाग जल का है। ब्रह्मंड के दुसरे ग्रहों पर अब तक जीवन संभव नहीं हो सका है जिसका सीधा साधा सा कारण है के वहां मौजूद किसी भी ग्रह पर जीने लायक पानी मौजूद नहीं है।
जल मानव , पशु -पक्षी तथा वनस्पति सब के लिए अनिवार्य है जल हमारे लिए अमृत के सामान है। जल का प्रयोग हम रोजाना के जीवन में पीने के लिए , नहाने-धोने के लिए , सफाई और सिंचाई आदि के लिए करते हैं। समुन्द्र , नदियां , झीलें और कुआं आदि यह सभी जल के श्रोत हैं। हमारे देश में आज कुछ ऐसी जगह हैं यहां पानी बड़े मुश्किल से मिलता है जो है वो दूषित है इसीलिए , वहां पानी दूसरी जगहों से मंगवाया जाता है।
लगातार होती जा रही जनसंख्या में बढ़ोतरी की वजय से भी पानी की समस्या लगातार बढती जा रही है देश की कई जगह तो ऐसी हैं यहां पानी तो मौजूद है किन्तु उसे इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि वह पीने लायक नहीं है।
सरकार द्वारा पानी से निपटने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं किन्तु फिर भी ऐसे परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं जिससे पानी की समस्या को खत्म किया जा सके। इन्ही योजनाओं पर लगने वाला पैसा चुपचाप ही हड़प लिया जाता है जबकि सरकार पानी की समस्या को दूर करने के लिए हर वर्ष करोड़ों रूपए खर्च करती है।
देश के कुछ भाग तो ऐसे हैं यहां सुखा और अकाल पड़ना आम सी बात हो गयी है इन जगहों पर वर्षा बहुत कम होती है जा फिर बिल्कुल भी नहीं होती जिस कारण हर वर्ष सूखे के चलते फसलें बर्बाद हो जाती हैं , पशु मर जाते हैं और वहां रहने वाले लोगों को पानी की समस्या से बचने के लिए वहां से पलायन करना पड़ता है।
वहीँ दूसरी तरफ नदी और समुन्द्रों का पानी भी लगातार दूषित हो रहा है रोजाना हजारों टन कचरा और गंदा पानी इनमें वहा दिया जाता है जिस कारण सारा पानी प्रदूषित हो जाता है और जलजीवों का रहना भी कठिन हो जाता है।
इसीलिए आज हमें जरूरत है पानी की एक -एक बूंद को बचाने की सबसे पहले हमें अपने घरों पर हो रही पानी की बर्बादी को दूर करना होगा और आज जरूरत है वर्षा के पानी को संरक्षित करने की। पानी की समस्या को देखते हुए हमें व्यर्थ पानी को इस्तेमाल में लाने की आदत डालनी चाहिए।
पानी की समस्या को दूर करने में पेड़ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे बारिश का जल भूमि में संचित रखते हैं जिस कारण भूमि के अंदर और बाहर का संतुलन बना रहता है।
_______________________________________________Jal Hi Jeevan Hai Essay in Hindi 700 words
दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों में से अधिकांश में पानी की लाइन ही नहीं है वहां टैंकरों से पानी पहुंचाया जाता है इन टैंकरों के पहुंचते ही मारामारी शुरू हो जाती है। कुछ बदकिस्मत मिलो दूर से पानी ढोकर लाते हैं वहां रहने वाले बच्चों और औरतों की दिनचर्या का अधिकांश हिस्सा पानी जुटाने में ही भेंट चढ़ जाता है। राजस्थानी के अधिकांश कामगार मजदूर इन्हीं कालोनियों से आते हैं। नेताओं का भाग्य बनाने जा बिगाड़ने लाइक संख्या के बावजूद इन की दशा बिगड़ी हुई है इनमें पीने तक का पानी भी उपलब्ध नहीं होता।
देशभर में पानी के लिए बढ़ता हाहाकार कुछ सोचने के लिए बाध्य करता है। कावेरी के जल बंटवारे को लेकर 2 राज्यों में चला लंबा विवाद हो जा हरियाणा का दिल्ली को उसका हिस्सा ना देने से पीएम हाउस तक में भी जल संकट स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है पर आज सुबह बाहर निकल कर देखा के गली में पानी का अंबार लगा था ऐसा लग रहा था मानो रात को भारी बारिश हुई हो। थोड़ा निकल कर देखा तो हमारे आदरणीय पड़ोसी अपने घर के बाहर गाड़ी धो रहे थे। इसी कारण आसपास के घरों के बाहर पानी खड़ा हो गया था।
मानव मस्तिष्क में हलचल शुरू हो गई लोग बेवजह ही सड़कों गाड़ियों के गड्ढों के लिए प्रशासन को कोसते हैं दिनभर गली में पानी भरा रहेगा तो गली गड्ढे का रूप लेगी ही। आज 80% लोगों के पास साइकल दोपहिया वाहन और कार सहित कोई ना कोई निजी वाहन है सभी लोग रोज सुबह सुबह अपना वाहन सड़क पर धोना शुरू कर दे तो सड़कों गलियों की हालत क्या होगी? और जरा पानी की स्थिति पर विचार करें तो इस तरह पानी की बर्बादी से पानी मिलना कठिन हो सकता है। कल से बदतर होने वाली पानी की स्थिति पर आज ही विचार नहीं किया गया तो कल पूरा देश ही मरुथल बन सकता है इसके लिए केवल सरकार या प्रशासन ही नहीं बल्कि पूरा समाज और हर नागरिक जिम्मेदार होगा।
अतः हम सभी को अपना दायित्व गंभीरता पूर्वक समझना होगा आज हमारे घरों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है और बाथरूम, किचन, गार्डन, आंगन जहां तक के हाथ धोने के लिए डाइनिंग टेबल के पास भी नल लगा है किचन में नौकरानी नल खोलकर खुले पानी से बर्तन धोती है बाथरूम में निरंतर नल चलता है, क्योंकि कपड़े धुल रहे हैं। आंगन में भी नल चल रहा है घर की धुलाई हो रही है श्रीमान जी नल खोलकर सेविंग करते हैं बच्चे नल खोल कर ब्रश करते हैं घर के बड़े बुजुर्ग पाइप लगाकर गार्डन की घास को तर - बदर करने में लगे हैं परिणाम जल की कमी।
क्या आप ऐसी स्थिति का सामना करना चाहेंगे नहीं कभी नहीं अपने घर में होने वाली ऐसी घटनाओं पर अभी से प्रतिबंध लगाए इसके लिए पूरे परिवार को जागरूक होना होगा जल संरक्षण के लिए अधिक नहीं तो इतना तो हम जरूर कर सकते हैं कि कपड़े रोज-रोज धोने की बजाय सप्ताह में एक बार इकट्ठे धोएं , नल खुला छोड़ने की बजाय बड़े बर्तन या बाल्टी में पानी भरकर कपड़े धोएं।
इस पानी को फेंकने की वजाय से घर जा गाड़ी की धुलाई करें, नल खोलकर बर्तन धोने की बजाय बड़े बर्तन या बाल्टी में पानी लेकर बर्तन धोएं जिस प्रकार पृथ्वी का 3 भाग जल है उसी प्रकार मानव शरीर का अधिकांश भाग जल है। जल की कमी से मानव के स्वास्थ्य पर भी व्यापक असर पड़ता है इसलिए हमें अपने अपने घर में जल के दुरुपयोग को रोकने के साथ-साथ अब प्रबंधन को व्यवहारिक रूप देना होगा आने वाले कल में हमें पानी की किल्लत से दो -चार ना होना पड़े इसके लिए आज से बल्कि अभी से पैसे की तरह जल की एक-एक बूंद को जोड़ना शुरू करना होगा।
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