मेरी प्रिय पुस्तक (My Favorite Book Essay) आज के आधुनिक युग में रोज़ाना हजारों सैंकड़ों पुस्तकें छपती हैं अब तो हर जगह बड़े बड़े पुस्तकालय भी खुल चुके हैं आप अपने मन पसंद की पुस्तक वहां जाकर पढ़ सकते हैं। आज कल हर विषय से सबंधित पुस्तकें छपती हैं और हर विषय से सबंधित पुस्तक बाज़ार से बड़ी आसानी से मिल जाती है।
मेरी भी पुस्तकों में बड़ी रूचि है मुझे अच्छी अच्छी पुस्तकें पढने का बहुत शौंक है मैंने अपने घर में बहुत सारी पुस्तकें जमा कर रखीं हैं यह इतनी सारी पुस्तकें हैं के एक छोटा सा पुस्तकालय बन चुका है। मैंने यहां पर विभिन्न प्रकार के विषयों से सबंधित पुस्तकें इकट्ठी कर रखीं हैं।
में हमेशा प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक पुस्तकें खरीदता हूं पुस्तकों से हमारे समान्य ज्ञान में वृद्धि होती है और हमें कई प्रकार के नये विचार पढ़ने को मिलते हैं। मेरी अब तक की सबसे प्रिय पुस्तक महात्मा गांधी जी की आत्मकथा है मेरे एक मित्र जिसे भी पुस्तकों को पढ़ने का बहुत ज्यादा शौंक हैं उसने ही मुझे यह पुस्तक पढ़ने के लिए दी थी यह बड़ी ही ज्ञानवर्धक पुस्तक है।
इसके इलावा मेरे पास और भी बहुत सारी पुस्तकें हैं जो छोटी छोटी प्रेरणादायक कहानियां , नाटक , शुभ विचार और हिंदी लेख आदि से सबंधित हैं। किन्तु मेरी सबसे प्रिय पुस्तक महात्मा गाँधी जी की आत्मकथा है मैंने इस पुस्तक को बहुत बार पढ़ा है इसको बार बार पढ़ने में बहुत मजा आता है इसीलिए अक्सर में इसे पढ़ता रहता हूं।
महात्मा गांधी जी की आत्मकथा में उन्होंने अपनी जिन्दगी से सबंधित अनेक घटनाओं का जिक्र किया है और अनेक मुश्किल परिस्थितयों से बाहर निकलने का वर्णन भी किया गया है इस पुस्तक में अच्छी और बुरी विचारधारा को दर्शाया गया है। वाक्य ही इस पुस्तक में सदैव सच्चाई पर चलने और आगे बढ़ने की शिक्षा दी गयी है।
इस पुस्तक को पढ़कर मुझे वाक्य ही बहुत मजा आया और बुत कुछ सीखने को भी मिला है इसीलिए में यही कहूँगा के एक बार इस पुस्तक को हम सभी को पढना चाहिए सभी इस पुस्तक का अध्यन कर इसका लाभ उठा सकते हैं।
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मेरी भी पुस्तकों में बड़ी रूचि है मुझे अच्छी अच्छी पुस्तकें पढने का बहुत शौंक है मैंने अपने घर में बहुत सारी पुस्तकें जमा कर रखीं हैं यह इतनी सारी पुस्तकें हैं के एक छोटा सा पुस्तकालय बन चुका है। मैंने यहां पर विभिन्न प्रकार के विषयों से सबंधित पुस्तकें इकट्ठी कर रखीं हैं।
में हमेशा प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक पुस्तकें खरीदता हूं पुस्तकों से हमारे समान्य ज्ञान में वृद्धि होती है और हमें कई प्रकार के नये विचार पढ़ने को मिलते हैं। मेरी अब तक की सबसे प्रिय पुस्तक महात्मा गांधी जी की आत्मकथा है मेरे एक मित्र जिसे भी पुस्तकों को पढ़ने का बहुत ज्यादा शौंक हैं उसने ही मुझे यह पुस्तक पढ़ने के लिए दी थी यह बड़ी ही ज्ञानवर्धक पुस्तक है।
इसके इलावा मेरे पास और भी बहुत सारी पुस्तकें हैं जो छोटी छोटी प्रेरणादायक कहानियां , नाटक , शुभ विचार और हिंदी लेख आदि से सबंधित हैं। किन्तु मेरी सबसे प्रिय पुस्तक महात्मा गाँधी जी की आत्मकथा है मैंने इस पुस्तक को बहुत बार पढ़ा है इसको बार बार पढ़ने में बहुत मजा आता है इसीलिए अक्सर में इसे पढ़ता रहता हूं।
महात्मा गांधी जी की आत्मकथा में उन्होंने अपनी जिन्दगी से सबंधित अनेक घटनाओं का जिक्र किया है और अनेक मुश्किल परिस्थितयों से बाहर निकलने का वर्णन भी किया गया है इस पुस्तक में अच्छी और बुरी विचारधारा को दर्शाया गया है। वाक्य ही इस पुस्तक में सदैव सच्चाई पर चलने और आगे बढ़ने की शिक्षा दी गयी है।
इस पुस्तक को पढ़कर मुझे वाक्य ही बहुत मजा आया और बुत कुछ सीखने को भी मिला है इसीलिए में यही कहूँगा के एक बार इस पुस्तक को हम सभी को पढना चाहिए सभी इस पुस्तक का अध्यन कर इसका लाभ उठा सकते हैं।
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