Navratri Essay in Hindi : नवरात्रि पर निबंध
चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत विशेष है नवरात्रि माँ दुर्गा की पूजा का विशेष त्यौहार है। नौ दिन तक माँ दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। ये शक्ति की पूजा है, वो शक्ति जो हम सबकी पालनहार है। हिन्दू धर्म में ये त्यौहार पूरे देश में बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है।Navratri Story in Hindi
नवरात्री के समय ही माता दुर्गा ने राक्षस महाशिषुर का वध किया था। महिषासुर ने भगवान शिव की कठोर पूजा करके उनसे कुछ शक्तियों की मांग ली थीं इन ही शक्तियों के कारण स्वयं ब्रह्मा विष्णु महेश भी उसे मारने में सक्षम थे। महिषासुर ने सभी देवताओं को भयभीत कर रखा था। इसलिए सभी देवता तब ब्रह्मा विष्णु महेश पास गए और महिषासुर से मुक्ति की कमाना के। तब सभी देवताओं ने अपनी शक्ति को मिलाकर एक नयी शक्ति को जन्म दिया जिसे माँ दुर्गा का नाम दिया गया
भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान और समस्त वानर सेना ने आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक (शारदाय नवरात्रि) ममता की पूजा की थी। इसके बाद दसवें दिन भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई की और रावण को मारकर विजय प्राप्त की। इसलिए दसवें दिन दासता का पर्व मनाया जाता है जो असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है। नवरात्रि में ऐशशक्ति ममगा की नौ रूपों की पूजा की जाती है। उनके इन रूपों को नवदुर्गगा भी कहते है
नवरात्र में कुछ लोगों को खाने के लिए भी पीने के लिए दिक्कत होती है क्योंकि इसमें खाने को पीने के काफी नियम हैं और उनका पालन करना पड़ता है। नवरात्र के दिनों में फलाहार, कुट्टू या सिंघाड़े के आटे से बनी पकौड़ी और पूरी खा सकते हैं और यदि बीच में कुछ दिक्कत होती है तो निम्बू पानी, सूखे मेवे या नारियल पानी भी ले जा सकते हैं। व्रत के समय केवल शाकाहारी भोजन ही ग्रहण करें आइये हम आपको कुछ ऐसे चीजें बताते हैं जो कि आप को भी भूल नहीं सकते अन्यथा मैया आपका रुष्ट हो सकता है
नवरात्रि के समय किसी को भी गंदी शब्द नहीं बोलने चाहिए जो लोग व्रत रख रहे हैं वो किसी के बारे में ना ही गलत सोच और न ही अपमान कहने से मन की पवित्रता का अंदाज़ा होता है। नवरात्र में खाने में छौंक नहीं लगा। सादा और सत्विक भोजन करें से मन को शांति मिलती है
नवरात्र में प्यास और लहसुन ना खाये, ये सब तामसिक माने जाते हैं काले रंग की वस्त्र पूजा के समय ना पहनें जैसा कि आप सभी जानते हैं कि नवरात्रि में ममता के विभिन्न रूपों की 9 दिन तक पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले तीन दिन ममूर्ति के लिए समर्पित हैं। इन तीन दिनों में माँ द्वार की विशेष पूजा होती है माँ दुर्गा शक्ति और ऊर्जा देती है
माँ दुर्गा के कई नामों में से एक नाम शक्ति भी है। नवरात्रि के अगले तीन दिन मम्मी लक्ष्मी को समर्पित होना चाहिए। इन तीन दिनों में विशेष पूजा करें क्योंकि यह माँ लक्ष्मी के दिन हैं। जिन जिन घरों में तीन दिन की यह विशेष पूजा की जाती है वहां लक्ष्मी जी की विशेष कृपा रहती। लक्ष्मी जी धन और संपत्ति की दात्री हैं।
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