Poem on Koyal in Hindi | कोयल पर कविता

कोयल रानी कोयल रानी
तेरी बोल में है मधुर वाणी
जिसे सुबह तुम पेड़ों पर
आकर डेरा जमाती हो
अपनी मधुर मई संगीत से
हम सबको गीत सुनाती हो
तुम्हारी गीतों को सुनकर
आम की डाली झूम कर
पवन का झोंका लाता है।
नीरस हो रहे जीवन को
सरस जीवन बनाता है।
तूने सारे मिथ्य को तोड़कर।
कराती हो अपनी पहचान
चिड़ियों में सबसे काली
बोल तेरी मधुरमय वाणी
बच्चों को लगती हो प्यारी
तभी कहलाती कोयला रानी।
नितेश कुमार सिन्हा
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