Save trees essay in Hindi
प्रदूषण की चपेट में जो शहर आते हैं उनमें सबसे ज्यादा जिम्मेदार वहां पेड़ों की कमी का होना है जिसके चलते शहर में रहने वाले लोग कई बिमारियों से पीड़ित हैं। पेड़ों की संख्या के लिहाज से अगर नज़र डाली जाए तो सबसे आगे जो देश है रूस यहाँ लगभग 640 अरब पेड़ हैं इसके बाद कनाडा का स्थान आता है यहाँ 318 अरब पेड़ हैं जबकि भारत में तो 35 अरब पेड़ ही हैं।
पेड़ों की लम्बी कतारें धूल -मिट्टी को 75 फीसदी कम कर देती हैं और 50 फीसदी तक शोर को कम कर देती हैं। जो क्षेत्र पेड़ों से घिरे घिरे होते हैं वह दूसरे स्थान की तुलना में 9 डिग्री तक ठंडा रहता है तथा वहां लगा एक पेड़ इतनी ठंडक पैदा कर देता है जितना के एक ए.सी 10 कमरों में 20 घंटे चलने तक करता है।
लगातार हो रही पेड़ों की कटाई की वजय से कई दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं पेड़ों की कटाई के कारण भूमि का क्षरण होता है क्योंकि पेड़ पहाड़ियों की सतह को बनाये रखने एक एहम रोल अदा करते हैं। वृक्षों की कटाई के वन्यजीवन खत्म हो रहे हैं कई खत्म कगार पर पहुँच चुकी हैं। पेड़ों की कटाई का प्रकृति पर बुरा असर पड़ता है जैसे बारिश भी अनियमित हो जाती है जिस कारण ग्लोबल वार्मिंग की समस्या भी उत्पन्न हो रही है।
जंगलों की अंधाधुंध कटाई के कारण जंगल के जानवर खासकर भारत में गाँवों की तरफ शरण ले रहे हैं जंगली जानवरों का रहवासी इलाकों में घूमना आम बात हो गई है जिस कारण मानव जीवन को उनसे खतरा बढ़ रहा है।
इसीलिए इस बढ़ते हुए खतरे को रोकने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए तभी हम धरती पर बढ़ने वाले खतरे को कुछ हद्द तक कम कर सकते हैं।
पेड़ हमारे मित्र पर निबंध
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