Short essay on Ganesh Chaturthi in Hindi गणेश चतुर्थी पर निबंध -
गणेश चतुर्थी का महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा महत्व है यह उत्सव वहां का सबसे बड़ा पर्व माना गया है इस दिन बाजारों में रौनक लग जाती है है श्री भगवान गणेश की अति सुंदर मूर्तियां और खूबसूरत चित्र बाजारों में देखे जा सकते हैं भगवान गणेश की मिट्टी से बनी सुंदर-सुंदर मूर्तियां लोग खरीदकर अपने घरों में स्थापित कर उसकी पूजा करते हैं।
गणेश चतुर्थी वाले दिन लोग अपने-अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा को स्वच्छ और उचित जगह पर स्थापित करते हैं इसी दिन से ही लोग अपने घरों में भगवान गणेश की पूजा करनी आरंभ कर देते हैं। गणेश चतुर्थी के दिनों में गणेश पूजा के लिए मोदक के लड्डू तैयार किये जाते हैं। गणेश प्रतिमा की पूजा करते हुए और गणेश जी से अपने घर और अपने जीवन में सुख और समृद्धि की कामना करते हैं।
इस पर्व के दौरान घरों में स्वादिष्ट पकवान और मिठाइयां बनाई जाती हैं और भगवान गणेश जी को कई तरह का भोग लगाया जाता है यह पर्व पूरे ग्यारह दिनों तक रहता है इन्हीं दिनों में लोग भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना करते हैं तथा पूरे कष्टों को हरने की कामना भी करते हैं।
इस उत्सव के दिनों में गणेश जी के भक्त जगह-जगह गणेश पूजा के लिए पंडाल लगाते हैं इस पंडाल को फूलों द्वारा सजा दिया जाता है जहां पर भगवान गणेश जी की मूर्ती को स्थापित किया जाता है और रोजाना गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है। गणेश भगवान की पूजा करने के लिए नारियल , गुड़ , चंदन , कपूर और मोदक का इस्तेमाल किया जाता है।
ग्यारह वें दिन भगवान गणेश जी की मूर्ति को जल में विसर्जित कर दिया जाता है यह बड़ा ही भव्य दृश्य होता है यह नज़ारा देखने योग्य होता है सभी लोग भगवान गणेश को नदी या समुद्र में विसर्जित करने जाते हैं इस प्रकार से श्री गणेश चतुर्थी की पूजा संपन्न हो जाती है।
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