Essay on Lal Bahadur Shastri in Hindi
उसका नाम था नन्हे | कद भी छोटा था और आर्थिक विपन्नता भी थी तब भी वह सहपाठियों के साथ गंगापार पढने जाया करता था नाव वाले को गंगा पार का किराया भी पहले देना होता था
एक दिन का बात है, नन्हे के पास केवल दो पैसे ही थे नाव वाले ने किराया मांगा तो वह बोला, मेरे पास दो ही पैसे हैं, यदि यह भी मुझे दे दूंगा तो दोपहर को खाओगा क्या? नाविक ने उसकी एक ना सुनी और नौका से उतार दिया स्कूल जाना भी जरुरी था, पैसे भी नहीं थे नन्हा ने सोच-विचार किया | फिर किताब एक अन्य मित्र को दिया गया और खुद नदी के तीव्र धारा में कूद गया उस बच्चे के साहस को देखकर वहां सभी ने दांतो तले उंगली दबा ली साथ ही घबराहट भी हुआ, लेकिन नन्हे ने उस तरह से नदी के सफर को तैरकर पार किया बाद में ये छोटा सा बालक लाल बहादुर शास्त्री के नाम से जाना गया
Read - गांधी जी का जीवन परिचय
0 comments: