Essay on Sarojini Naidu in Hindi : सरोजिनी नायडू
भारत में महान पुरुषों के इलावा महान और साहसी महिलाओं ने भी जन्म लिया तथा अपने बलिदान और साहस का परिचय देते हुए देशवासियों के दिलों में अपना स्थान बनाया। एसी ही एक साहसी और देश भक्त महिला सरोजिनी नायडू थी।आपके पिता जी का नाम डा. अघोरनाथ चट्टोपाध्याय था जो के एक जाने -माने वैज्ञानिक थे। उनकी माता जी का नाम श्रीमती वरदा सुन्दरी था जिन्हें कई भाषायों का ज्ञान था और उन्हें कवितायेँ लिखने और पढने का शौक था उन्हें भारतीय संस्कृति के साथ बेहद लगाव था।
सरोजिनी नायडू को बचपन के दिनों में अंग्रेजी भाषा में बिल्कुल भी रूचि नहीं थी अंग्रेजी भाषा न बोलने के कारण एक बार उनके पिता जी ने उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया इस सजा का आप पर बहुत गहरा असर हुआ इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी भाषा को पढना लिखना शुरू कर दिया बाद में आपने इस भाषा में कई कवितायेँ भी लिखी।
Sarojini Naidu Biography
ए लेडी ऑफ़ दी लेक आप द्वारा लिखी गयी सबसे प्रभावशाली कविता थी जो आपने मात्र 13 वर्ष की आयु में लिखी। हैदरावाद के निजाम ने प्रसन्न होकर सरोजिनी नायडू को इंग्लैंड पढाई के लिए भेज दिया।सन 1898 में आपने दूसरी जाती के मुथ्याला नायडू से शादी कर ली उस वक्त अन्य जाति में शादी करना जुर्म माना जाता था समाज की परवाहना करते हुए आपके पिता ने भी आपकी शादी को स्वीकार कर लिया .
जब आप इंग्लैंड से वापिस आई तो उस वक्त देश में आज़ादी का आन्दोलन छिड़ा हुआ था आप भी इस आन्दोलन में कूद पड़ी। सरोजिनी देवी ने गांधी जी के नमक आन्दोलन में भी एहम भूमिका निभाई इस आन्दोलन के चलते उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा । सन 1925 में उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया जो देश की पहली अध्यक्ष महिला बनी।
सरोजिनी नायडू की मौत 2 मार्च 1949 को इलावाद के उतर प्रदेश में हुई थी। सरकार द्वारा सरोजिनी नायडू के महान कार्यों को याद रखने केलिए उनका जन्म दिन को महिला दिवस के रूप में स्थान दिया है।
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