Short Poem on Village in Hindi
पोखर और कुआं आज
भी बरसता है
आषाढ़ में बारिश की बूंद
और मेंढक की टर्र -टर्र की आवाज़
अब भी होती है
खेतों में धान की रोपनी
और लोकगीत गाती
महिलाएं अब भी
लगाए जाते हैं
खेतों में धान के नए पौध
अब भी होती है
मूसलाधार वर्षा मेरे गांव में
और सींचा जाता है
कटोरा -कटोरा अनाज
गांव में होती है अब
भी बारिश - नितेश कुमार सिन्हा
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