विश्व वन्यजीव दिवस पर निबंध - Wild Life Day essay in Hindi

जंगल में रहने वाले जानवरों और पौधों तथा समुद्री जीवन और वनस्पतियों का अमूल्य महत्त्व है जो पर्यावरण के लिए ही नहीं मानव कल्याण के लिए भी जरूरी है परिस्थितिक तंत्र , अनुवांशिक आज सामाजिक , आर्थिक , वैज्ञानिक सोच का सांस्कृतिक पहलुओं के लिए वन्य जीव बेहद अहम है।
विश्व वन्यजीव दिवस वन्य जीव और वनस्पतियों के कई सुंदर और विविध रूपों को पहचानने तथा इनके संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने का एक अफसर है यह दिन हमें वन्यजीव अपराधियों तथा प्रजातियों को मानव से पहुंच रही हानियों के खिलाफ संघर्ष की तत्काल जरूरत की याद भी दिलाता है।
महासागरों में लगभग दो लाख ज्ञात प्रजातियां हैं किंतु इनकी वास्तविक संख्या कई इलाकों में हो सकती है वैश्विक स्तर पर समुद्री और तटीय संसाधनों तथा उद्योगों का अनुमानित बाजार मूल्य प्रति वर्ष 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है जो कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का लगभग 5% है विश्व के 3 अरब से अधिक लोग अपनी आजीविका के लिए समुद्री जैव विविधता पर निर्भर है।
समुद्री जीवन ने भोजन और पोषण प्रदान करने से लेकर हस्तशिल्प और निर्माण कार्यों के लिए सामग्री तक उपलब्ध करवा कर मानव सभ्यता और विकास सहस्त्र वादियों से कायम रखा है इसने हमारे जीवन को सांस्कृतिक , अध्यात्मिक तथा अलग – अलग तरीकों से भी समुद्ध किया है .
परन्तु समुद्री जीवन की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित हुई है क्योंकि हमारे ग्रह के महासागर और इन में रहने वाली प्रजातियां खतरों से गुजर रही है 40% महासागर अब समुंद्री प्रजातियों के अत्यधिक दोहन के साथ-साथ अन्य खतरों से जैसे प्रदूषण तटवर्ती इलाकों के नुकसान तथा जलवायु परिवर्तन के सबसे महत्वपूर्ण तथा प्रत्येक क्षेत्र से बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं यह खतरा उन लोगों के जीवन और आजीविका पर बहुत खराब असर डालते हैं जो समुंद्र पर निर्भर करते हैं विशेष रूप से तटों पर रहने वाले समुदाय, समुद्री जीवन पर ध्यान देने वाला यह प्रथम विश्व वन्यजीव दिवस है यह समुन्द्री जीवन की लुभावनी विविधता तथा मानव विकास के लिए समुद्री प्रजातियों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक उपयुक्त अवसर है ताकि हम सुनिश्चित कर सके कि आने वाली पीढ़ियों को भी समुद्री जीवन के सभी लाभ मिलते रहे।
वर्ष 2018 में इस देश का मुख्य विषय बिग कैट्स प्रीडेटरस अंडर थ्रेट यानि खतरे में शिकारी जीव था।
बिग कैट्स जानी शेर , बाघ , चीता , तेंदुआ , प्यूमा जैसी बड़ी बिल्लियां दुनिया भर में सबसे प्रसिद्ध जानवरों में से एक है हालांकि आज इन्हें शिकारी और अन्य विभिन्न खतरों का सामना करना पड़ रहा है जो ज्यादातर मानव गतिविधियों के कारण होते हैं कुल मिलाकर घटते जंगलों और शिकार के लिए जानवरों की कमी इंसानों से टकराव अवैध शिकार तथा वन्यजीवों की अवैध व्यापार के कारण उनकी आबादी घटती है।
गत 2 वर्षों के दौरान बाघ की आबादी में 95% तक गिरावट आई है और अफ़्रीकी शेर की आबादी केवल 20 वर्षों में ही 40 प्रतिशत कम हो गई है।
भारत में वन्य जीव संरक्षण
- वन्य जीवों पर मंडरा रहे खतरे को रोकने के लिए पहली वार 1872 में वाइल्ड एलीफैंट प्रिजर्वेशन को लागू किया गया।
- आज़ादी के बाद भारत की सरकार द्वारा इंडियन बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ बनाया गया ता जो वन्य जीवों का संरक्षण किया जा सके .
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